नवदुर्गा मंत्र स्तोत्र

स्तोत्र - मंत्र  > देवी स्तोत्र Posted at 2018-10-12 10:32:41
॥ नवदुर्गा स्तोत्र / नवदुर्गा मंत्र ॥ ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् । वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ॥१॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू । देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥२॥ ॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥ पिण्डजप्रवरारूढा चन्दकोपास्त्रकैर्युता । प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥३॥ ॥ देवी कूष्माण्डा ॥ सुरासम्पूर्णकलशम् रुधिराप्लुतमेव च । दधाना हस्तपद्माभ्याम् कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥४॥ ॥ देवी स्कन्दमाता ॥ सिंहासनगता नित्यम् पद्माश्रितकरद्वया । शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥५॥ ॥ देवी कात्यायनी ॥ चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना । कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी ॥६॥ ॥ देवी कालरात्रि ॥ एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता । लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलभ्यक्तशरीरिणी ॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा । वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥७॥ ॥ देवी महागौरी ॥ श्र्वेते वृषे समारूढा श्र्वेताम्बरधरा शुचि: । महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ॥८॥ ॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥ सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि । सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥९॥ ॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

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