विश्वकर्मा चालीसा दोहा श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान। श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान।। जय श्री विश्वकर्म भगवाना। जय विश्वेश्वर ...

श्री साईं चालीसा ॥चौपाई॥ पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आए, सारा हाल सुनाऊं मैं॥ कौन ...

श्रीकृष्णप्रेम चालीसा   रे मन, क्‍यों भटकत पिरे भज श्रीनंदकुमार । नारायण अजहूँ समुझ ! भयो न कछू बिगार ।। लखी न ...

भैरव चालीसा  ॥ दोहा ॥  श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥ ...

श्री शिव चालीसा ।।दोहा।। श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ जय गिरिजा पति ...

दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अम्बे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली ...

​श्री हनुमान चालीसा ।। जय श्री राम ।। ॥दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो ...

श्री शनि चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन , मंगल करण कृपाल । दीनन के दुख दूर करि , कीजै ...

श्री राम चालीसा श्री रघुवीर भक्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम ...

श्रीगणेश चालीसा2 दोहा जय जय जय वंदन भुवन , नंदन गौरिगणेश ।  दुख द्वंद्वन फंदन हरन , सुंदर सुवन महेश ॥ चौपाई ...

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