शिवकृत ललिता सहस्रनाम स्तोत्र1
नामावली > देवी नामावली Posted at 2018-11-16 10:16:26
श्री महाभागवत पुराणोक्त शिवकृत ललिता सहस्रनाम स्तोत्रम्
ॐ श्री गणेशाय नमः
ऊँ श्री शिव उवाच
अनाद्या परमा विद्या प्रधाना प्रकृतिः परा |
प्रधानपुराषाराध्या प्रधानपुरूषेश्वरी ||१ ||
प्राणात्मिका प्राणशक्तिः सर्वप्राणहितैषिणी |
उमा चोत्तमकेशिन्युत्तमा चोन्मत्तभैरवी ||२||
उर्वशी चोन्नता चोग्रा महोग्राचोन्नतस्तनी |
उग्रचण्डोग्रनयनामहोग्रदैत्यनाशिनी ||३||
उग्रप्रभावती चोग्रवेगानुग्रप्रमर्दिनी |
उग्रतारोग्रनयना चोर्ध्वस्थाननिवासिनी ||४||
उन्मत्तनयनात्युग्रदन्तोत्तुङ्गस्थलालया |
उल्लासिन्युल्लसाचित्ता चोत्फुल्लनयनोज्वला ||५||
उत्फुल्लकमलारूढा कमला कामिनी कला |
काली करालवदना कामिनी मुखकामिनी ||६||
कोमलाङ्गीं कृशाङ्गी च कैटभासुरमर्दिनी |
कालिन्दि कमलस्था च कान्ता काननवासिनी ||७||
कुलीना निष्कला कृष्णा कालरात्रिस्वरूपिणी |
कुमारी कामरूपा च कामिनी कृष्णपिङ्गला ||८||
कपिला शान्तिदा शुद्धा शङ्करार्धशरीरिणी |
कौमारी कार्तिकी दुर्गा कौशिकी कुण्डलोज्वला ||९||
कुलेश्वरी कुलश्रेष्ठा कुन्तलोज्वलमस्तका |
भवानी भाविनी वाणी शिवा च शिवमोहिनी ||१०||
शिवप्रिया शिवाराध्या शिवप्राणैकवल्लभा |
शिवपत्नी शिवस्तुत्या शिवानन्दप्रदायिनी ||११||
नित्यानन्दमयी नित्या सच्चिदानन्दविग्रहा |
त्रैलोक्यजननी शम्भुह्रदयस्था सनातनी ||१२||
सदया निर्दया माया शिवा त्रैलोक्यमोहिनी |
ब्रह्मादित्रिदशाराध्या सर्वाभीष्टप्रदायिनी ||१३||
ब्रह्माणी ब्रह्मगायत्री सावित्री ब्रह्मसंस्तुता |
ब्रह्मोपास्या ब्रह्मशक्तिर्ब्रह्मसृष्टिविधायिनी ||१४||
कमण्डलुकरा सृष्टिकर्त्री ब्रह्मस्वरूपिणी |
चतुर्भुजात्मिका यज्ञसूत्ररूपा दृढव्रता ||१५||
हंसारूढा चतुर्वक्त्रा चतुर्वेदाभिसंस्तुता |
वैष्णवीपालनकरी महालक्ष्मीर्हरिप्रिया ||१६||
शङ्खचक्रधरा विष्णुशक्तिर्विष्णुस्वरूपिणी |
विष्णुप्रिया विष्णुमाया विष्णुप्राणैकवल्लभा ||१७||
योगनिद्राक्षरा विष्णुमोहिनी विष्णुसंस्तुता |
विष्णुसम्मोहनकरी त्रैलोक्य परिपालिनी ||१८||
शङ्खिनी चक्रिणी पद्मा पद्मिनी मुशलायुधा |
पद्मालया पद्महस्ता पद्ममालाविभूषिता ||१९||
गरूडस्था चारूरुपा सम्पद्रूपा सरस्वती |
विष्णुपार्श्वस्थिता विष्णुपरमाल्हाददायिनी ||२०||
सम्पत्तिः सम्पदाधारा सर्वसम्पत्प्रदायिनी |
श्रीविद्या सुखदा सौख्यदायिनी दुःखनाशिनी ||२१||
दुःखहन्त्री सुखकरी सुखासीना सुखप्रदा |
सुखप्रसन्नवदना नारायणमनोरमा ||२२||
नारायणी जगद्धात्री नारायणमनोहरी |
नारायणशरीरस्था वनमालाविभूषिता ||२३||
दैत्यघ्नी पीतवसना सर्वदैत्यप्रमर्दिनी |
वाराही नारसिंही च रामचन्द्रस्वरूपिणी ||२४||
रक्षोघ्नी काननावासा चाहल्याशापमोचनी |
सेतुबन्धकरी सर्वरक्षःकुलविनाशिनी ||२५||
सीतापतिव्रता साध्वी रामप्राणैकवल्लभा |
अशोककाननावासा लङ्केश्वरविनाशिनी ||२६||
नीतिः सुनीतिः सुकृतिः कीर्तिमेधावसुन्धरा |
दिव्यमाल्यधरा दिव्या दिव्यगन्धानुलेपना ||२७||
दिव्यवस्त्रपरिधाना दिव्यस्थाननिवासिनी |
माहेश्वरी प्रेतसंस्था प्रेतभूमिनिवासिनी ||२८||
निर्जनस्था स्मशानस्था भैरवी भीमलोचना |
सुघोरनयनाघोरा घोररूप घनप्रभा ||२८||
घनस्तनी वरा शामा प्रेतभूमीकृतालया |
खट्वाङ्गधारिणी द्वीपिचर्माम्बरसुशोभना ||२९||
महाकाली चण्डवक्त्रा चण्डमुण्डविनाशिनी |
उद्यानकाननावासा पुष्पोद्यानवनप्रिया ||३०||
बलिप्रिया मांसभक्ष्या रूधिरासवभक्षिणी |
भीमरावा साट्टहासा रणनृत्यपरायणा ||३१||
असुरासृक्प्रिया तुष्टा दैत्यदानवमर्दिनी |
दैत्यविद्राविणी दैत्यमथनी दैत्यसूदनी ||३२||
दैत्यघ्नी दैत्यहन्त्री च महिषासुरमर्दिनी |
रक्तबीजनिहन्त्री च शुम्भासुरविनाशिनी ||३३||
निशुम्भहन्त्री धूम्राक्षमर्दिनी दुर्गहारिणी |
दुर्गासुरनिहन्त्री च शिवदूती महाबला ||३४||
महाबलवती चित्रवस्त्रा रक्ताम्बरामला |
विमला ललिता चारूहासा चारूत्रिलोचना ||३५||
अजेया जयदा ज्येष्ठा जयशीलापराजिता |
विजया जाह्नवी दुष्टजृम्भिणी जयदायिनी ||३६||
जगद्रक्षाकरी सर्वजगच्चैतन्यकारिणी |
जया जयन्ती जननी जनभक्षणतत्परा ||३७||
जलरूपा जलस्था च जप्यजापकवत्सला |
जाज्वल्यमाना यज्ञाशा जन्मनाशविवर्जिता ||३८||
जरातीता जगन्माता जगद्रूपा जगन्मयी |
जङ्गमा ज्वालिनी जृम्भास्तम्भिनी दुष्टपातिनी ||३९||
त्रिपुरघ्नी त्रिनयना महात्रिपुरतापिनी |
तृष्णाजातिः पिपासा च बुभुक्षा त्रिपुरप्रभा ||४०||
त्वरिता त्रिपुटा त्र्यक्षा तन्वी तापविवर्जिता |
त्रिलोकेशी तीव्रवेगा तीव्रा तीव्रबलालया ||४१||
निःशङ्का निर्मलाभा च निरातङ्कामलप्रभा |
विनिता विनयाभिज्ञा विशेषज्ञा विलक्षणा ||४२||
वरदा वल्लभा विद्युत्प्रभा विनयशालिनी |
विम्बोष्ठी विधुवक्त्रा च विवस्त्रा विनयप्रभा ||४३||
विश्वेशपत्नी विश्वात्मा विश्वरूपा बलोत्कटा |
विश्वेशी विश्ववनिता विश्वमाता विचक्षणा ||४४||
विदुषी विश्वविदिता विश्वमोहनकारिणी |
विश्वमूर्तीर्विश्वधरा विश्वेशपरिपालिनी ||४५||
विश्वकर्त्री विश्वहर्त्री विश्वपालनतत्परा |
विश्वेशह्रदयावासा विश्वेश्वरमनोरमा ||४६||
विश्वहा विश्वनिलया विश्वमाया विभूतिदा |
विश्वा विश्वोपकारा च विश्वप्राणात्मिकापि च ||४७||
विश्वप्रिया विश्वमयी विश्वदुष्टविनाशिनी |
दाक्षायणी दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी ||४८||
विश्वम्भरी वसुमती वसुधा विश्वपावनी |
सर्वातिशायिनी सर्वदुःखदारिद्र्यहारिणी ||४९||
महाविभूतिरव्यक्ता शाश्वती सर्वसिद्धिदा |
अचिन्त्याऽचिन्त्यरूपा च केवला परमात्मिका ||५०||
सर्वज्ञा सर्वविषया सर्वोपरिपरायणा |
सर्वस्यार्तिहरा सर्वमङ्गला मङ्गलप्रदा ||५१||
मङ्गलार्हा महादेवी सर्वमङ्गलदायिका |
सर्वान्तरस्था सर्वार्थरूपिणी च निरञ्जना ||५२||
चिच्छकतिश्चिन्मयी सर्वविद्या सर्वविधायिनी |
शान्तिः शान्तिकरी सौम्या सर्वसर्वप्रदायिनी ||५३||
शान्तिः क्षमा क्षेमकरी क्षेत्रज्ञा क्षेत्रवासिनी |
क्षणात्मिका क्षीणतनुः क्षीणाङ्गी क्षीणमध्यमा ||५४||
क्षिप्रगा क्षेमदा क्षिप्ता क्षणदा क्षणवासिनी |
वृत्तिर्निवृत्तिर्भूतानां प्रवृत्तिर्वृत्तलोचना ||५५||
व्योममूर्तिर्व्योमसंस्था व्योमालयकृताश्रया |
चन्द्रानना चन्द्रकान्तिश्चन्द्रार्धाङ्कितमस्तका ||५६||
चन्द्रप्रभा चन्द्रकला शरच्चन्द्रनिभानना |
चन्द्रात्मिका चन्द्रमुखी चन्द्रशेखरवल्लभा ||५७||
चन्द्रशेखरवक्षःस्था चन्द्रलोक निवासिनी |
चन्द्रशेखरशैलस्था चञ्चला चञ्चलेक्षणा ||५८||
छिन्नमस्ता छागमांसप्रिया छागबलिप्रिया |
जोत्स्ना ज्योतिर्मयी सर्वज्यायसी जीवनात्मिका ||५९||
सर्वकार्यनियन्त्री च सर्वभूतहितैषिणी |
गुणातीता गुणमयी त्रिगुणा गुणशालिनी ||६०||
गुणैकनिलया गौरी गुह्यगोपकुलोद्भवा |
गरीयसी गुरुरता गुह्यस्थाननिवासिनी ||६१||
गुणज्ञा निर्गुणा सर्वगुणार्हा गुह्यकाम्बिका |
गलज्जटा गलत्केशा गलद्रुधिरचर्चिता ||६२||
गजेन्द्रगमना गन्त्री गीतनृत्यपरायणा |
गमनस्था गयाध्यक्षा गणेशजननी तथा ||६३||
गानप्रिया गानरता गृहस्था गृहिणी परा |
गजसंस्था गजारूढा ग्रसन्ती गरूडासना ||६४||
योगस्था योगिनीगम्या योगचिन्तापरायणा |
योगिध्येया योगिवन्द्या योगलभ्या युगात्मिका ||६५||
योगिज्ञेया योगयुक्ता महायोगेश्वरेश्वरी |
योगानुरक्ता युगदायुगान्तजलदप्रभा ||६६||
युगानुकारिणी यज्ञरूपा सूर्यसमप्रभा |
युगान्तानिलवेगा च सर्वयज्ञफलप्रदा ||६७||
संसारयोनिः संसारव्यापिनी सकलास्पदा |
संसारतरूनिःसेव्या संसारार्णवतारिणी ||६८||
सर्वार्थसाधिका सर्वा संसारव्यापिनी तथा |
संसारबन्धकर्त्री च संसारपरिवर्जिता ||६९||
दुर्निरीक्ष्या सुदुष्प्राप्या भूतिर्भूतिमतीत्यपि |
अत्यन्त्यविभवारूपा महाविभवरूपिणी ||७०||
शब्दब्रह्मस्वरूपा च शब्दयोनिः परात्परा |
भूतिदा भूतिमाता च भूतिस्तन्द्री विभूतिदा ||७१||
भूतान्तरस्था कूटस्थाभूतनाथप्रियाङ्गना |
भूतमाता भूतनाथा भूतालयनिवासिनी ||७२||
भूतनृत्यप्रिया भूतसङ्गिनी भूतलाश्रया |
जन्ममृत्युजरातीता महापुरूषसङ्गता ||७३||
भुजगातामसी व्यक्ता तमोगुणवती तथा |
त्रितत्वतत्वरूपा च तत्वज्ञा तत्वकप्रिया ||७४||
त्र्यम्बका त्र्यम्बकरता शुक्ला त्र्यम्बकरूपिणी |
त्रिकालज्ञा जन्महीना रक्ताङ्गी ज्ञानरूपिणी ||७५||
अकार्या कार्यजननी ब्रह्माख्या ब्रह्मसंस्थिता |
वैराग्ययुक्ता विज्ञानगम्या धर्मस्वरूपिणी ||७६||
सर्वधर्मविधानज्ञा धर्मिष्ठा धर्मतत्परा |
धर्मिष्ठपालनकरी धर्मशास्त्रपरायणा ||७७||
धर्माऽधर्मविहीना च धर्मजन्यफलप्रदा |
धर्मिणी धर्मनिरता धर्मिणामिष्टदायिनी ||७८||
धन्या धीर्धारणा धीरा धन्वनी धनदायिनी |
धनुष्मती धरासंस्था धरणिस्थितीकारिणी ||७९||
सर्वयोनिर्विश्वयोनिरपांयोनिरयोनिजा |
रूद्राणी रूद्रवनिता रूद्रैकादशरूपिणी ||८०||
रुद्राक्षमालिनी रौद्री भुक्तिमुक्तिफलप्रदा |
ब्रह्मोपेन्द्रप्रवद्या च नित्यं मुदितमानसा ||८१||
इन्द्राणी वासवी चैन्द्री विचित्रैरावतस्थिता |
सहस्रनेत्रादिव्याङ्गा दिव्यकेशविलासिनी ||८२||
दिव्याङ्गना दिव्यनेत्रा दिव्यचन्दनचर्चिता |
दिव्यालङ्करणा दिव्यश्वेतचामरवीजिता ||८३||
दिव्यहारा दिव्यपदा दिव्यनूपुरशोभिता |
केयूरशोभिताह्रष्टा ह्रष्टचित्तप्रहर्षिणी ||८४||
सम्प्रह्रष्टमना हर्षप्रसन्नवदना तथा |
देवेन्द्रवन्द्यपादाब्जा देवेन्द्रपरिपूजिता ||८५||
रजसा रक्तनयना रक्तपुष्पप्रिया सदा |
रक्ताङ्गी रक्तनेत्रा च रक्तोत्पलविलोचना ||८६||
रक्ताभा रक्तवस्त्रा च रक्तचन्दनचर्चिता |
रक्तेक्षणा रक्तभक्ष्या रक्तमत्तोरगाश्रया ||८७||
रक्तदन्ता रक्तजिह्वा रक्तभक्षणतत्परा |
रक्तप्रिया रक्ततुष्टा रक्तपानसुतत्परा ||८८||
बन्धूककुसुमाभा च रक्तमाल्यानुलेपना |
स्फुरद्रक्ताञ्चिततनुः स्फुरत्सूर्यशतप्रभा ||८९||
स्फुरन्नेत्रापिङ्गजटा पिङ्गला पिङ्गलेक्षणा |
बगला पीतवस्त्रा च पीतपुष्पप्रिया सदा ||९०||
पीताम्बरा पिबद्रक्ता पीतपुष्पोपशोभिता |
शत्रुघ्नी शत्रुसम्मोहजननी शत्रुतापिनी ||९१||
शत्रुप्रमर्दिनी शत्रुवाक्यस्तम्भनकारिणी |
उच्चाटनकरी सर्वदुष्टोत्सारणकारिणी ||९२||
शत्रुविद्राविणी शत्रुसम्मोहनकरी तथा |
विपक्षमर्दनकरी शत्रुपक्षभयङ्करी ||९३||
सर्वदुष्टघातिनी च सर्वदुष्टविनाशिनी |
द्विभुजा शूलहस्ता च त्रिशूलवरधारिणी ||९४||
दुष्टसन्तापजननी दुष्टक्षोभप्रवर्धिनी |
दुष्टानां क्षोभसम्बद्धा भक्तक्षोभनिवारिणी ||९५||
दुष्टसन्तापिनी दुष्टसन्तापपरिमर्दिनी |
सन्तापरहिता भक्तसन्तापपरिनाशिनी ||९६||
अद्वैता द्वैतरहिता निष्कलाब्रह्मरूपिणी |
त्रिदशेशी त्रिलोकेशी सर्वेशी जगदीश्वरी ||९७||
ब्रह्मेशसेवितपदा सरकववन्द्यपदाम्बुजा |
अचिन्यरूपचरिता चाचिन्त्यबलविक्रमा||९८||
सर्वाचिन्त्यप्रभावा च स्वप्रभावप्रदर्शिनी |
अचिन्त्यमहिमाचिन्त्यरूपसौन्दर्यशालिनी ||९९||
अचिन्त्यवेशशोभा च लोकाचिन्त्यगुणान्वीता |
अचिन्त्यशक्तिर्दुश्चिन्त्यप्रभावा चिन्त्यरूपिणी ||१००||
योगचिन्त्या महाचिन्तानाशिनी चेतनात्मिका |
गिरिजा दक्षजा विश्वजनयित्री जगत्प्रसूः||१०१||
संनम्या प्रणता सर्वप्रणतार्तिहरा तथा |
प्रणतैश्वर्यदा सर्वप्रणताशुभनाशिनी ||१०२||
प्रणतापन्नाशकरी प्रणताऽशुभनाशिनी |
सिद्धेश्वरी सिद्धसेव्या सिद्धचारणसेविता ||१०३||
सिद्धिप्रदा सिद्धिकरी सर्वसिद्धगणेश्वरी |
अष्टसिद्धिपारदा सिद्धगणसेव्यपदाम्बुजा ||१०४||
कात्यायनी स्वधा स्वाहावषट्वौषट्स्वरूपिणी |
पितॄणां तृप्तिजननी कव्यरूपा सुरेश्वरी ||१०५||
हव्यभोक्त्री हव्यतुष्टा पितृरूपाऽसितप्रिया |
कृष्णपक्षप्रपूज्या च प्रेतपक्षसमर्पिता ||१०६||
अष्टहस्ता दशभुजा चाष्टादशभुजान्विता |
चतुर्दशभुजाऽसंख्यभुजवल्लीविराजिता ||१०७ ||
सिंहपृष्ठसमारूढा सहस्रभुजराजिता |
भुवनेशी चान्नपूर्णा महात्रिपुरसुन्दरी ||१०८||
त्रिपुरा सुन्दरी सौम्यमुखी सुन्दरलोचना |
सुन्दरास्या शुभदंष्ट्रा सुभ्रूः पर्वतनन्दिनी ||१०९||
नीलोत्पलदलश्यामा स्मेरोत्फुल्लमुखाम्बुजा |
सत्यसंधा पद्मवक्त्रा भ्रूकुटीकुटिलानना ||११०||
विद्याधरी वरारोहा महासन्ध्यास्वरूपिणी |
अरून्धती हिरण्याक्षी सुधूम्राक्षी शुभेक्षणा ||१११||
श्रुतिः स्मृतिः कृतिर्योगमाया पुण्या पुरातनी |
वाग्देवता वेदविद्या ब्रह्मविद्यास्वरुपिणी ||११२||
वेदशक्तिर्वेदमाता वेदाद्या परमागतिः |
आन्वीक्षिकी तर्कविद्या योगशास्त्रप्रकाशिनी ||११३||
धूमावती वियन्मूर्तिर्विद्युन्मालाविलासिनी |
महाव्रता सदानन्दनन्दिनी नगनन्दिनी ||११४||
सुनन्दा यमुना चण्डि रूद्रचण्डी प्रभावती |
पारिजातवनावासा पारिजातवनप्रिया ||११५||
सुपुष्पगन्धसन्तुष्टा दिव्यपुष्पोपशोभिता |
पुष्पकाननसद्वासा पुष्पमालाविलासिनी ||११६||
पुष्पमाल्यधरा पुष्पगुच्छालंकृतदेहिका |
प्रतप्तकाञ्चनाभासा शुद्धकाञ्चनमण्डिता ||११७||
सुवर्णकुण्डलवती स्वर्णपुष्पप्रियासदा |
नर्मदा सिन्धुनिलया समुद्रतनया तथा ||११८||
षोडशी षोडशभुजा महाभुजगमण्डिता |
पातालवासिनी नागी नागेन्द्रकृतभूषणा ||११९||
नागिनी नागकन्या च नागमाता नगालया |
दुर्गापत्तारिणी दुर्गदुष्टग्रहनिवारिणी ||१२०||
अभयापन्निहन्त्री च सर्वापत्परिनाशिनी |
ब्रह्मण्या श्रुतिशास्त्रज्ञा जगतां कारणात्मिका ||१२१||
निष्कारणा जन्महीना मृत्युञ्जयमनोरमा |
मृत्युञ्जयह्रदावासा मूलाधारनिवासिनी ||१२२||
षट्चक्रसंस्था महती महोत्सवविलासिनी |
रोहिणी सुन्दरमुखी सर्वविद्याविशारदा ||१२३||
सद्सद्वस्तुरूपा च निष्कामा कामपीडिता |
कामातुरा काममत्ता काममानससत्तनुः ||१२४||
कामरूपा च कालिन्दि कचालम्बितविग्रहा |
अतसीकुसुमाभासा सिंहपृष्ठनिषेदुवी ||१२५||
युवती यौवनोद्रिक्ता यौवनोद्रिक्तमानसा |
अदितिर्देवजननी त्रिदशार्तिविनाशिनी ||१२६||
दक्षिणाऽपूर्ववसना पूर्वकालविवर्जिता |
अशोका शोकरहिता सर्वशोकनिवारिणी ||१२७||
अशोककुसुमाभासा शोकदुःखक्षयङ्करी |
सर्वयोषित्स्वरूपा च सर्वप्राणिमनोरमा ||१२८||
महाश्चर्या मदाश्चर्या महामोहस्वरूपिणी |
महामोक्षकरी मोहकारिणी मोहदायिनी ||१२९||
अशोच्या पूर्णकामा च पूर्णा पूर्णमनोरथा |
पूर्णाभिलषिता पूर्णनिशानाथसमानना ||१३०||
द्वादशार्कस्वरूपा च सहस्रार्कसमप्रभा |
तेजस्विनी सिद्धमात्रा चन्द्रानयनरक्षणा ||१३१||
अपरापारमाहात्म्या नित्यविज्ञानशालिनी |
विवस्वती हव्यवाहा जातवेदःस्वरूपिणी ||१३२||
स्वैरिणी स्वेच्छविहरा निर्बीजा बीजरूपिणी |
अनन्तवर्णाऽनन्ताख्याऽनन्तसंस्था महोदरी ||१३३||
दुष्टभूतापहन्त्री च सद्वृत्तपरिपालिका |
कपालिनी पानमत्ता मत्तवारणगामिनी ||१३४||
विन्ध्यस्था विन्ध्यनिलया विन्ध्यपर्वतवासिनी |
बन्धुप्रिया जगद्बन्धुः पवित्रा सपवित्रिणी ||१३५||
परामृताऽमृतकला चापमृत्युविनाशिनी |
महारजतसंकाशा रजताद्रिनिवासिनी ||१३६||
काशीविलासिनी काशीक्षेत्ररक्षणतत्परा |
योनिरूपा योनिपीठस्थिता योनिस्वरूपिणी ||१३७||
कामालसितचार्वङ्गी कटाक्षक्षेपमोहिनी |
कटाक्षक्षेपनिरता कल्पवृक्षस्वरूपिणी ||१३८ ||
पाशाङ्कुशधरा शक्तिर्धारिणी खेटकायुधा |
बाणायुधाऽमोघशस्त्रा दिव्यशस्त्रास्त्रवर्षिणी ||१३९||
महास्त्रजालविक्षेपविपक्षक्षयकारिणी |
घण्टिनी पाशिनी पाशहस्ता पाशाङ्कुशायुधा ||१४०||
चित्रसिंहासनगता महासिंहासनस्थिता |
मन्त्रात्मिका मन्त्रबीजा मन्त्राधिष्ठातृदेवता ||१४१||
सुरूपाऽनेकरूपा च विरूपा बहुरूपिणी |
विरूपाक्षप्रियतमा विरूपाक्षमनोरमा ||१४२||
विरूपाक्षा कोटराक्षी कूटस्था कूटरूपिणी |
करालस्या विशालस्या धर्मशास्त्रार्थपारगा ||१४३||
अध्यात्मविद्या शास्त्रार्थकुशला शैलनन्दिनी |
नगाधिराजपुत्री च नगपुत्री नगोद्भवा ||१४४||
गिरीन्द्रबाला गिरीशप्राणतुल्या मनोरमा |
प्रसन्ना चारूवदना प्रसन्नास्या प्रसन्नदा ||१४५||
शिवप्राणा पतिप्राणा पतिसम्मोहकारिणी |
मृगाक्षी चञ्चलापाङ्गी सुदृष्टिर्हंसगामिनी ||१४६||
नित्यं कुतूहलपरा नित्यानन्दाभिनन्दिता |
सत्यविज्ञानरूपा च तत्वज्ञानैककारिणी ||१४७||
त्रैलोक्यसाक्षिणी लोकधर्माधर्मप्रदर्शिनी |
धर्माधर्मविधात्री च शम्भुप्राणात्मिका परा ||१४८||
मेनकागर्भसम्भूता मैनाकभगिनी तथा |
श्रीकण्ठाकण्ठहारा च श्रीकण्ठह्रदयस्थिता ||१४९||
श्रीकण्ठकण्ठजप्या च नीलकण्ठमनोरमा |
कालकूटात्मिका कालकूटभक्षणकारिणी ||१५०||
महाकालप्रिया कालकलनैकविधायिनी |
अक्ष्योभ्यपत्नी संक्षोभनाशिनी ते नमोनमः ||१५१||
इति श्री ललिता सहस्त्र नाम स्तोत्रम् संपुर्णम् ..
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