लिङ्गाष्टकम्
स्तोत्र - मंत्र > शिव स्तोत्र Posted at 2016-03-11 14:37:24
लिङ्गाष्टकम्
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गम् निर्मलभासितशोभितलिङ्गम्
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् १
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गम् कामदहम् करुणाकर लिङ्गम्
रावणदर्पविनाशनलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् २
सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गम् बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम्
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ३
कनकमहामणिभूषितलिङ्गम् फनिपतिवेष्टित शोभित लिङ्गम्
दक्षसुयज्ञ विनाशन लिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ४
कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गम् पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम्
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ५
देवगणार्चित सेवितलिङ्गम् भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम्
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ६
अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गम् सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम्
अष्टदरिद्र विनाशितलिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ७
सुरगुरुसुरवरपूजित लिङ्गम् सुरवनपुष्प सदार्चित लिङ्गम्
परात्परं परमात्मक लिङ्गम् तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ८
लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते
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