श्री साईबाबा स्तोत्र

स्तोत्र - मंत्र  > साईबाबा स्तोत्र Posted at 2018-11-29 15:51:45
श्री साईबाबा स्तोत्र  सुरनुता वंदिता सुंदरा माधव चंद्रा कलाधार साई शिवा परिमल गंध सुसौरव शोभित साहसा वैभवा शिर्डीनुता करी वारदा शरणागत पूशित लोका पाते घाना सारा निधे जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ शिर्डी महेश्वर मंगल विग्रहा सेव्या पदांबूज सधुनूता त्रिभुवना पोशाका दुकखा विनाशका टीजा सुंडभावा साई शिवा शिवा शिवा शंकारा काला विलोचना नातया डूरंधारा नागराता जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ आई शरणागत भक्तावा शंकर शूला युगधर शिर्डी पाते चतूरा विचार धुरीना महा शिवा धर्मा प्रदहाश कनकाहट निजलजा काचल भूत कलानिधि गौरी हृदय विहार शिवा जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ धिमिधिमी धिमकिता धीं धीमी तटवानी तांडवा नृत्या विनोदरता मुनिगना वंदिता मोक्षा प्रदादी सुमंजुल भाषित शांति यूटा भावा भायहारा विकाशिता दुग्धारा कलमश नाश प्रतालिनुता जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ सक़ाला चराचर दैइवा मुनीश्वर मानव वंदित पड़ा यूगा अनुदिना वरचित वंदित सेविता ज्ञान प्रसाद त्रिलोक नुटा गुणगना वारा त्रिलोका रक्षकरा साधुजनश्रिता शास्तनुता जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ प्रणता महेश्वर शिर्डी पुरीशवर शोकजनश्रित लोकपटि पाप विनाःस सदाशिव रूप त्रिलोका दूरी तापा हरा प्रणत सुरेश्वर वेदा विहार भूषित वाशित राजगता जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ निगम गुशा अवी रामे शाश्वत श्री शिर्दिश्वर गौरी पाते सर्वावा शंकर चंद्रा कलाधार सर्वा प्रियंकार मोक्षा प्रदा भक्ता जनश्रित वैभव शाश्वत तीज सँूडभव साधु नुटा जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ साजमुख षणमुख पुत्रा सुशोभित राग विवर्धन गयाँ माया मणिमय भूषित वैभव वंदित शिर्डी पाते रघु राजगुरो हरा हरा साई महेश कुलॉजवाला मंगल विग्रह साई शिवा जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥ शिवा शिवा शंकर शिर्डी महेश्वर शंका नीनाडा सुवडयारता अनुदिन वरचित वेद सुपूजिट वैदिक मार्ग प्रदर्शयूट जया शिवा लोका हितैषित सदगुण ज्ञान विकाशित शास्तनूट जया जया हे शिर्दिशा महेश्वर विश्वा सुपूजिटा वेदनुता ॥

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