आरती कापुराची
जय जय कर्पूरगौरा तारी जय जय कर्पूरगौरा
भस्म या चर्चित निळ गळांवर झळाळीत रुंडमाळा हो
इंदूललाटी शेष असे कंठी गजचर्म व्याघ्रांबर हो
शंभो जय जय कर्पूर गौरा ।। १ ।।
श्वेता सनी महाराज विराजित अंकी वसे सुंदरा
भक्त दयाकर वंदीत निरंतर धन्यतु
लिलावतारा हो ।। २ ।।
शंभू जय जय कर्पूरगौरा
मती मंदहीन झालो पदी लीन पार करि संसारा काशी सुतातमज मागतसे तूज
देवचरणी मजथारा हो ।। ३ ।।
शंभो जय जय कर्पूरगौरा
कर्पूर गौरम् करुणावतारं संसारसारं भुजगेंद्रा हारं सदा वसंतम् हृदयारवींद्र भवम् भवानी सहीतम् नमामि ।।
गुणातीत कांतम् भवारन्य दाहं
उमानाथमिशम् जराजन्मनाशम्
स्वयम् ज्योतिर्लिंगम् नमामिष्ट लिंगम्
महादेव देव महा पापनाशम् ।।
चिताभस्म लिंगम् नमामिविश्वलिंगम ।।
शंभो जय जय कर्पूर गौरा तारी जय जय कर्पूर गौरा हो ।।
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