नवदुर्गा मंत्र स्तोत्र

॥ नवदुर्गा स्तोत्र / नवदुर्गा मंत्र ॥

॥ देवी शैलपुत्री ॥

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।

वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ॥१॥

॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥

दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू ।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥२॥

॥ देवी चन्द्रघण्टा ॥

पिण्डजप्रवरारूढा चन्दकोपास्त्रकैर्युता ।

प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥३॥

॥ देवी कूष्माण्डा ॥

सुरासम्पूर्णकलशम् रुधिराप्लुतमेव च ।

दधाना हस्तपद्माभ्याम् कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥४॥

॥ देवी स्कन्दमाता ॥

सिंहासनगता नित्यम् पद्माश्रितकरद्वया ।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥५॥

॥ देवी कात्यायनी ॥

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।

कात्यायनी शुभं दद्यादेवि दानवघातिनी ॥६॥

॥ देवी कालरात्रि ॥

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलभ्यक्तशरीरिणी ॥

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥७॥

॥ देवी महागौरी ॥

श्र्वेते वृषे समारूढा श्र्वेताम्बरधरा शुचि: ।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ॥८॥

॥ देवी सिद्धिदात्रि ॥

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥९॥

॥ इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

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