चंद्र आरती

चंद्र आरती जयदेव जयदेव जय चिन्मय चंद्रा ॥ निजतेजें ओवाळूं सच्चित्सुखभद्रा ॥ध्रु०॥ उदयास्तुविणें शोभसि अखंड चिद्नगनीं ॥ भक्तचकोरां जिवविशि परमामृतपानीं

Read more
error: Content is protected !!