अमोघ शिव कवच स्तोत्र

अमोघ शिव कवचम् विनियोगः | अस्य श्री-शिव-कवच-स्तोत्र-मन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीसदाशिव-रुद्रो देवता, ह्रीं शक्तिः, वं कीलकम्, श्रीं ह्रीं क्लीं

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श्री काळभैरव अष्टक स्तोत्र

|| श्री काळभैरव अष्टक स्तोत्र || ॐ नमः शिवाय .. श्री गणेशाय नमः .. अङ्गसुन्दरत्व निन्दिताङ्ग जातवैभवम् भृङ्गसर्व गर्वहारि देहकान्ति

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दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रम्

दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रम् विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय । कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥ १॥ गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय । गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय

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श्रीकाशी विश्वनाथाष्टकम्

|| श्रीकाशी विश्वनाथाष्टकम् || गङ्गा तरङ्ग रमणीय जटा कलापंगौरी निरन्तर विभूषित वाम भागंनारायण प्रियमनङ्ग मदापहारंवाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाधम् ॥ १

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श्री स्वर्णाकर्षण भैरव स्तोत्र

श्री स्वर्णाकर्षण भैरव स्तोत्र

ओं अस्य श्री स्वर्णाऽकर्षण भैरव स्तोत्र महामन्त्रस्य
ब्रह्म ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः श्री स्वर्णाकर्षण भैरवो देवता …

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महामृत्युञ्जयमालामन्त्र

॥ महामृत्युञ्जयमालामन्त्रः ॥ ॥ ध्यानम् ॥ ध्यायेन्मृत्युञ्जयं साम्बं नीलकण्ठं चतुर्भुजम् । चन्द्रकोटिप्रतीकाशं पूर्णचन्द्रनिभाननम् ॥ १॥ बिम्बाधरं विशालाक्षं चन्द्रालङ्कृतमस्तकम् । अक्षमालाम्बरधरं

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अर्धनारीश्वराष्टकम्

॥ अर्धनारीश्वराष्टकम् ॥ उपमन्यू कृत अंभोधरश्यामलकुन्तलायै तटित्प्रभाताम्रजटाधराय । निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ १॥ प्रदीप्तरत्नोज्वलकुण्डलायै स्फुरन्महापन्नगभूषणाय ।

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अर्धनारीश्वर स्तोत्र1

॥ अर्धनारीश्वरस्तोत्रम् ॥ शंकराचार्य कृत चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय । धम्मिल्लकायै च जटाधराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ १ ॥ कस्तूरिकाकुङ्कुमचर्चितायै

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क्षेत्रपाल कालभैरव स्तोत्र

॥ महाकालभैरवाष्टकम् अथवा तीक्ष्णदंष्ट्रकालभैरवाष्टकम् ॥ ॐ यं यं यं यक्षरूपं दशदिशिविदितं भूमिकम्पायमानं सं सं संहारमूर्तिं शिरमुकुटजटा शेखरंचन्द्रबिम्बम् दं दं दं

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शिवमाला मंत्र

शिवमाला महामंत्र ॐ नमो भगवते सदाशिवाय सकलतत्वात्मकाय सकलतत्वविहाराय सकललोकैककर्त्रे सकललोकैकभर्त्रे सकललोकैकहर्त्रे सकललोकैकगुरवे सकललोकैकसाक्षिणे सकलनिगमगुह्याय सकलवरदप्रदाय सकलदुरितार्तिभंजनाय सकलजगदभयंकराय सकललोकैकशड्कराय शशांड्क्शेखराय शाश्वत

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